रामसिंह जी है लगभग 20 से अख़बार बेचते है। इंदिरापुरम में मंगल बाजार प्रसिद्ध चौक है चौक पर ही राम सिंह जी का यह ठिया है, जब अख़बार बेचना शुरू किये थे उस समय 1 रूपये 25 पैसे का एक अख़बार था। पड़ोस में इनका गांव है घर से भोजन आ जाता है इसलिए गांव तभी जाते जब कोई खास आयोजन हो अख़बार को असली मीडिया मानते है टीवी समाचार में इनकी कोई दिलचस्पी नही। पत्रकार और सम्पादक से भी अपरचित है परंतु मीडिया के प्रति इनका लगाव और भरोशा खूब है। आज मंगलवार है शाम का बाजार भी है। सुबह रामसिंह जी से राम राम हुआ। नमस्कार
Tuesday, July 25, 2017
रामसिंह जी
रामसिंह जी है लगभग 20 से अख़बार बेचते है। इंदिरापुरम में मंगल बाजार प्रसिद्ध चौक है चौक पर ही राम सिंह जी का यह ठिया है, जब अख़बार बेचना शुरू किये थे उस समय 1 रूपये 25 पैसे का एक अख़बार था। पड़ोस में इनका गांव है घर से भोजन आ जाता है इसलिए गांव तभी जाते जब कोई खास आयोजन हो अख़बार को असली मीडिया मानते है टीवी समाचार में इनकी कोई दिलचस्पी नही। पत्रकार और सम्पादक से भी अपरचित है परंतु मीडिया के प्रति इनका लगाव और भरोशा खूब है। आज मंगलवार है शाम का बाजार भी है। सुबह रामसिंह जी से राम राम हुआ। नमस्कार
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
डॉ. सौरभ मालवीय ‘नारी’ इस शब्द में इतनी ऊर्जा है कि इसका उच्चारण ही मन-मस्तक को झंकृत कर देता है, इसके पर्यायी शब्द स्त्री, भामिनी, कान...
-
डॉ. सौरभ मालवीय मनुष्य जिस तीव्र गति से उन्नति कर रहा है, उसी गति से उसके संबंध पीछे छूटते जा रहे हैं. भौतिक सुख-सुविधाओं की बढ़ती इच्छाओं क...
-
डॉ. सौरभ मालवीय किसी भी देश के लिए एक विधान की आवश्यकता होती है। देश के विधान को संविधान कहा जाता है। यह अधिनियमों का संग्रह है। भारत के संव...
No comments:
Post a Comment