धन्यवाद दयाशंकर जी,
मेरे एक छोटे से प्रयास को आप ने रेखांकित किया
"भला हो जिसमें देश का वो काम सब मिलकर किये चलें"
दीपावली मिलन अयत्नेनैव संपद्यते जनस्य संसर्गयोगः सताम्। अधमेन सह संयोगः, पतनं ह्यस्य साधनम्॥ (भर्तृहरि नीति शतक 18) भावार्थ– सज्जनों का स...
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