Tuesday, June 20, 2017

सरोकार की दुनिया


यहां प्रेम, स्नेह, मार्गदर्शन एवं जीवन की दिशा सहज ही मिलती है। गोरखपुर विश्वविद्यालय से स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा जैसे ही खत्म हुई उसके बाद आजमगढ़ एक वर्ग में गया वर्ग के अंतिम दिन प्रान्त प्रचारक जी मुझे बुलाये और पूछे कि स्नातक के बाद आगे की क्या योजना है ? M.A हिंदी से करने की बात मैंने कही फिर क्या वहां के विभाग प्रचारक श्री मिथिलेश नारायण जी से पूछे कि शिवली कालेज में M.A हिंदी से है. उन्होंने बताया है।

मेरे लिए निर्णय लेना कठिन आजमगढ़ में रहना होगा पढ़ाई के साथ संगठन कार्य, श्री मिथिलेश जी के स्नेह में कुछ दिन वहा रुका परंतु नियति द्वारा सब कुछ पहले से तय पत्रकारिता की पढ़ाई के लिए भोपाल आगया। पूर्णकालिक संगठन कार्य मेरे मुकद्दर में नही था।
सुखद यह है कि सामाजिक ऋषियों का स्नेह और सानिध्य सदा मिलता है। आदरणीय मिथिलेश जी वर्तमान में क्षेत्र बौद्धिक प्रमुख है केंद्र लखनऊ है।

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भेंट

पत्रकारिता के नक्षत्र रहे स्वर्गीय रोहित सरदाना के पूज्य पिताजी श्रीमान रतन चन्द्र सरदाना जी से मिलने का अवसर. कुरुक्षेत्र.