Wednesday, April 13, 2016
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सर्वे भवंतु सुखिनः को साकार करेगा एकात्म मानवदर्शन
डॉ. सौरभ मालवीय परमपावन भारत भूमि अजन्मा है यह देव निर्मित है और देवताओं के द्वारा इस धरा पर विभिन्न अवसरों पर अलग अलग प्रकार की शक्ति...

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डॉ. सौरभ मालवीय ‘नारी’ इस शब्द में इतनी ऊर्जा है कि इसका उच्चारण ही मन-मस्तक को झंकृत कर देता है, इसके पर्यायी शब्द स्त्री, भामिनी, कान...
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डॉ. सौरभ मालवीय मनुष्य जिस तीव्र गति से उन्नति कर रहा है, उसी गति से उसके संबंध पीछे छूटते जा रहे हैं. भौतिक सुख-सुविधाओं की बढ़ती इच्छाओं क...
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डॉ. सौरभ मालवीय किसी भी देश के लिए एक विधान की आवश्यकता होती है। देश के विधान को संविधान कहा जाता है। यह अधिनियमों का संग्रह है। भारत के संव...
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