प्रस्थान
मेरे आँखों के तारें
365 दिन में सिर्फ 30 दिन (जून की छुट्टी)इनके लिए होता है वो भी ईमानदारी से नही दे पाता हूँ। बालपन को समझना और उन पर मोहित हो जाना, इसके लिए जितना भी समय दिया जाए कम है, सृष्टि छोटी थी तब भोपाल में था। अब श्रीन्द्र की शरारत शुरू हुई है तो नोएडा। आज अपनी कर्मस्थली के लिए प्रस्थान कर रहा हूँ। श्रीन्द्र पूछ रहे क्यों जा रहे है पापा? सबके पापा साथ रहते हैं, मेरा भी मन हो रहा है कि किसी ज्योतिषी मित्र से पूछूं कि श्रीन्द्र के प्रश्न का उत्तर मेरी कुंडली में है क्या?
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