वर्ष 2002 में यूपी विधानसभा का चुनाव था , मैं भोपाल में पत्रकारिता का छात्र था। यूपी चुनाव में मीडिया प्रभारी के नाते प्रभात झा जी डेरा डाले हुए थे मुझे उनकी टीम का हिस्सा बन कर 2 महीने लखनऊ बीजेपी मुख्यालय में कार्यं करने का एक अवसर मिला। वैसे तो मीडिया और राजनीति दोनों में गहरा रिस्ता होता है, पत्रकार को खबर चाहिए और नेता को अपने हिसाब से खबर छपे यह चाह रहती है इस नाते राजनीतिक दलों का मीडिया प्रबंधन भी बहुत महत्वपूर्ण होता। नियमित प्रेस के लिए विषय तय करना साथ ही प्रेस नोट भी तैयार करना किसकी प्रेस होगी क्या विषय रहेगा एक साथ पुरे प्रदेश में किन किन शहरों में प्रेस वार्ता आदि प्रबंधन का हिस्सा होता।
उन दो महीनों में सुबह से शाम और देर रात कब होती यह पता ही नहीं चलता था। मीडिया सेल के अलावा कई मोर्चों पर पार्टियां चुनाव में कार्य करती उसी में एक सबसे महत्वपूर्ण और बड़ी जिम्मेदारी का कार्य चुनाव प्रबंधन इस व्यवस्था को संचालित करने वाले Jps Rathore जी और Mahendra Singh जी के लिए तो मानों घर मे शादी का आयोजन हो चौबीसों घण्टे जीजान से लगे रहना होता था , उसी क्रम में हर दिन खूब मिलना जुलना होता रहा लखनऊ शहर मेरे लिए नया था jps राठौर जी अक्सर शाम को भोपाल की युवा टीम को हजरतगंज ले जाते थे और मोती महल की फलूदा (कुल्फी) खिलाते।राठौर जी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के मेधावी छात्र रहे साथ ही छात्र संघ के अध्यक्ष इस नाते नौजवानों से दोस्ती इनके स्वभाव का हिस्सा। उस वक्त उनसे मैं पूछा कि आप राजनीति में क्यों आये बहुत ही खूबसूरत उत्तर "लोकतंत्र की खूबसूरती है भारत की स्वस्थ राजनीति"।
राठौर जी वर्तमान में प्रदेश उपाध्यक्ष है। शुभकामनाएं!
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