Sunday, September 20, 2015

भोजन और बैठक





डॉ सौरभ मालवीय जब भी दिल्ली आते हैं, भोजन और बैठक का दौर चलता ही चलता है. शर्त है, हर बार एक तिहाई लोग नए होने चाहिए और लोकसंग्रह में अपने शिवानन्द द्विवेदी सहर तो माहिर हैं ही.
-संजीव सिन्हा 

No comments:

Post a Comment

हाल फिलहाल में मेरा लेख

अदनान फ़ाउण्डेशन, धानापुर–चन्दौली द्वारा प्रकाशित साहित्यिक-सामाजिक पत्रिका ‘हाल फिलहाल’ के प्रथम अंक में मेरा लेख शामिल किया गया है। युवा स...