Sourabh Malviya डॉ.सौरभ मालवीय
विचारों की धरा पर शब्दों की अभिव्यक्ति...
Monday, December 15, 2025
Sunday, December 14, 2025
संस्कारयुक्त शिक्षा से होगा समाज का कल्याण : यतीन्द्र
कानपुर। विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्रा की क्षेत्रीय कार्ययोजना बैठक का शुभारम्भ सरस्वती बी.एड. महाविद्यालय, रूमा में हुआ। उद्घाटन सत्रा में विद्या भारती की पत्रिका शिशु मन्दिर सन्देश के विशेषांक का विमोचन विद्या भारती के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्राी आदरणीय यतीन्द्र शर्मा जी के द्वारा सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर यतीन्द्र जी ने पंच परिवर्तन के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण, स्व का बोध, कुटम्ब प्रबोधन नागरिक कर्तव्य एवं सामाजिक समरसता पर दिशा बोध प्रदान करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष में इसे विद्यालयों के माध्यम से समाज तक ले जाना है। यही वे क्षेत्रा हैं जिनके सुदृढ़ होने से राष्ट्र अपने परम् वैभव को प्राप्त हो सकेगा।
नारी शक्ति में दायित्व बोध जागरण के लिए तथा उनकी अन्तर्निहित शक्तियों के समाज कल्याण हेतु प्रकटीकरण के लिए सप्तशक्ति संगम के माध्यम से विद्या भारती अभियान लेकर कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है। यह भी पंच परिवर्तन के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
कार्यक्रम में क्षेत्राीय संगठन मंत्राी हेमचन्द्र जी, सह क्षेत्राीय संगठन मंत्राी डाॅ. राम मनोहर जी, विद्या भारती के क्षेत्राीय अध्यक्ष दिव्यकान्त शुक्ल, क्षेत्राीय मंत्राी डाॅ. सौरभ मालवीय जी एवं कानपुर प्रान्त के संगठन मंत्राी रजनीश पाठक की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। लोक सेवा आयोग के सदस्य डाॅ. हरेश प्रताप सिंह उपस्थित रहे। अतिथियों का परिचय भारतीय शिक्षा समिति कानपुर प्रान्त के प्रदेश निरीक्षक श्री अयोध्या प्रसाद मिश्र ने कराया।
टीवी पर लाइव
भारतीय जनता पार्टी के नवनियुक्त राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री नितिन नबीन एक अनुभवी संगठनकर्ता, 5 बार निर्वाचित विधायक और जनसेवा के प्रति समर्पित नेता हैं।
युवा मोर्चा से लेकर राज्य सरकार में मंत्री पद और राष्ट्रीय संगठन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों तक, उनकी राजनीतिक यात्रा अनुशासन, परिश्रम और जनविश्वास की सशक्त कहानी है।
Saturday, December 13, 2025
उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन’ का गठन
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के युवाओं को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाने के लिए ‘उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन’ का गठन किया है।
श्रम एवं सेवायोजन विभाग के प्रमुख सचिव डॉक्टर एमके शन्मुगा सुंदरम के अनुसार विभाग द्वारा विधान सभा लखनऊ से 18 अगस्त को ‘रोजगार महाकुम्भ 2025’ के लिए महाकुम्भ अभियान का शुभारम्भ किया गया है। रोजगार महाकुम्भ के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर तीन लाख के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लगभग 25 हजार नौकरियां उपलब्ध कराई जानी हैं। विभाग द्वारा ‘रोजगार महाकुम्भ-2025’ का प्रथम चरण का आयोजन 26 से 28 अगस्त तक इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान लखनऊ में किया गया है। इसमें 16,212 युवाओं का रोजगार हेतु चयन हुआ। इनमें 1,612 युवाओं का चयन विदेश हेतु हुआ है।
रोजगार महाकुम्भ की इसी कड़ी में जनपद वाराणसी में 9 से 10 दिसंबर को राजकीय तक आईटीआई, करौन्दी, वाराणसी परिसर में काशी सांसद रोजगार महाकुम्भ-2025 का आयोजन किया गया। इसमें लगभग 21 हजार रिक्तियों यथा मार्केटिंग, प्रोडेक्शन, मशीन ऑपरेटर, सेल्स, नर्सिंग, ड्राइवर, सप्लाई चेन, आटोमोबाईल, होटल, इत्यादि क्षेत्रों की 293 कम्पनियों ने भाग लिया।
इन रिक्तियों के सापेक्ष हाई स्कूल, इंटर, स्नातक, आईटीआई, डिप्लोमा, परास्नातक इत्यादि योग्यता प्राप्त लगभग 22,725 अभ्यर्थियों ने भाग लिया। इनमें से 8,054 अभ्यर्थियों का रोजगार हेतु चयनित हुआ। इनमें 85 अभ्यर्थी विदेश हेतु चयनित हैं। कुल चयनित अभ्यर्थियों में 331 महिला अभ्यर्थी एवं 8 विकलांग अभ्यर्थी भी सम्मिलित हैं। काशी सांसद रोजगार महाकुम्भ में सबसे अधिक 6 लाख रुपये का वार्षिक पैकेज मिला है।
लखनऊ: 13 दिसम्बर 2025
कवि प्रियांशु गजेंद्र से खास मुलाकात
प्रियांशु गजेंद्र एक युवा कवि के रूप में पहचाने जाते हैं, जिनकी कविताओं में समकालीन जीवन की बेचैनी, युवा मन के प्रश्न और संवेदनशील भावनाएँ स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं। उनकी लेखनी सरल भाषा में गहरी बात कहने का प्रयास करती है, जिससे पाठक सहज ही जुड़ाव महसूस करता है। प्रेम, सामाजिक असमानता, आत्मसंघर्ष और उम्मीद—ये सब उनकी कविताओं के प्रमुख सरोकार माने जाते हैं।
काव्य पाठ के समय श्रोता झूम उठते है. स्वर मधुर और मोहक है.
प्रियांशु गजेंद्र की कविताओं की खासियत यह है कि वे बड़े-बड़े शब्दों के बजाय छोटे अनुभवों से बड़ी बात कह देते हैं। उदाहरण के तौर पर उनकी कविताओं में अक्सर अकेलेपन, सपनों और बदलते समय की झलक मिलती है। उनकी एक कविता में युवा मन की दुविधा और आशा को इस तरह उकेरा गया है कि पाठक अपने ही अनुभव उसमें खोज लेता है—
जहाँ सवाल भी अपने लगते हैं और जवाब भी भीतर से उगते हुए प्रतीत होते हैं।
कुल मिलाकर, प्रियांशु गजेंद्र एक ऐसे युवा कवि हैं जिनकी कविताएँ आज की पीढ़ी की आवाज़ बनकर सामने आती हैं और भविष्य में उनके लेखन से और अधिक सशक्त रचनाओं की उम्मीद की जा सकती है।
Subscribe to:
Comments (Atom)
-
डॉ. सौरभ मालवीय ‘नारी’ इस शब्द में इतनी ऊर्जा है कि इसका उच्चारण ही मन-मस्तक को झंकृत कर देता है, इसके पर्यायी शब्द स्त्री, भामिनी, कान...
-
डॉ. सौरभ मालवीय किसी भी देश के लिए एक विधान की आवश्यकता होती है। देश के विधान को संविधान कहा जाता है। यह अधिनियमों का संग्रह है। भारत के संव...
-
डॉ. सौरभ मालवीय मनुष्य जिस तीव्र गति से उन्नति कर रहा है, उसी गति से उसके संबंध पीछे छूटते जा रहे हैं. भौतिक सुख-सुविधाओं की बढ़ती इच्छाओं क...



















