प्रियांशु गजेंद्र एक युवा कवि के रूप में पहचाने जाते हैं, जिनकी कविताओं में समकालीन जीवन की बेचैनी, युवा मन के प्रश्न और संवेदनशील भावनाएँ स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं। उनकी लेखनी सरल भाषा में गहरी बात कहने का प्रयास करती है, जिससे पाठक सहज ही जुड़ाव महसूस करता है। प्रेम, सामाजिक असमानता, आत्मसंघर्ष और उम्मीद—ये सब उनकी कविताओं के प्रमुख सरोकार माने जाते हैं।
काव्य पाठ के समय श्रोता झूम उठते है. स्वर मधुर और मोहक है.
प्रियांशु गजेंद्र की कविताओं की खासियत यह है कि वे बड़े-बड़े शब्दों के बजाय छोटे अनुभवों से बड़ी बात कह देते हैं। उदाहरण के तौर पर उनकी कविताओं में अक्सर अकेलेपन, सपनों और बदलते समय की झलक मिलती है। उनकी एक कविता में युवा मन की दुविधा और आशा को इस तरह उकेरा गया है कि पाठक अपने ही अनुभव उसमें खोज लेता है—
जहाँ सवाल भी अपने लगते हैं और जवाब भी भीतर से उगते हुए प्रतीत होते हैं।
कुल मिलाकर, प्रियांशु गजेंद्र एक ऐसे युवा कवि हैं जिनकी कविताएँ आज की पीढ़ी की आवाज़ बनकर सामने आती हैं और भविष्य में उनके लेखन से और अधिक सशक्त रचनाओं की उम्मीद की जा सकती है।


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