उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए शीत ऋतु के दृष्टिगत संबंधित अधिकारियों को गोवंश शेड, चारा व जल की चरहिया, खडंजा आदि सुदृढ़ एवं व्यवस्थित करने के निदेश दिए गए हैं। जिन गौ आश्रय स्थलों में अव्यवस्था या गौवंश की देखभाल संबंधी कोई भी शिकायत संज्ञान में आए वहां तत्काल सुधार किया जाए। अवस्थापना संबंधी कार्यों में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए।
उत्तर प्रदेश के पशुधन विकास मंत्री श्री धर्म पाल सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि निराश्रित गोवंश के बेहतर देखभाल, रखरखाव एवं अन्य व्यवस्थाओं के लिए एक सप्ताह में सभी गोशालाओं का निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए। गो आश्रय स्थलों पर गोवंश के ठंड से बचाव के लिए तिरपाल, अलाव, एवं भूसा आदि की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। ठंड से किसी भी गोवंश की मृत्यु न हो। पशु चिकित्सा अधिकारी गौ आश्रयस्थल पर जाकर गोवंश के उत्तम स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं औषधि की व्यवस्था सुनिश्चित करें। जनपद के नोडल अधिकारी गौ आश्रय स्थलों का नियमित रूप से निरीक्षण कर चारा, भूसा, पानी व प्रकाश आदि व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें।
पशुधन मंत्री ने विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में गोआश्रय स्थलों की व्यवस्था गोवंश के रखरखाव एवं सुविधाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि पशु चिकित्सक, उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी एवं मंडल पर नियुक्त अपर निदेशक नियमित रूप से कम से कम एक गौशाला का निरीक्षण करेंगे। उन्होंने कहा कि सीवीओ स्थानीय स्तर पर जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी से संपर्क कर राज्य की सभी निराश्रित गौशालाओं का सघन निरीक्षण सुनिश्चित कराएं। लापरवाही पर पर्यवेक्षण कार्यों के लिए उत्तरदायी अधिकारी की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। निराश्रित गौवंश सरकार की प्राथमिकताओं में सम्मिलित है। इसलिए प्रशासनिक अधिकारियों के स्तर पर गौशालाओं की व्यवस्था में कोई कमी नहीं रहे। समस्त जिम्मेदार अधिकारी यह सुनिश्चित करें।

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