संस्था के निदेशक श्री देश दीपक सिंह की दृष्टि बहुत व्यापक है. समाज, देश और राष्ट्र के वास्ते युवाओं में सामाजिक, पारिवारिक और राष्ट्रीय विचार का कैसे बीजारोपण करें इस वास्ते इस मंच पर आप नुक्कड़ नाटक का आयोजन था.
सामाजिक जागरूकता में नुक्कड़ नाटक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। नुक्कड़ नाटक (Street Play) एक ऐसा नाट्य रूप है जो खुले स्थानों — जैसे बाज़ार, स्कूल, चौक, या मोहल्ले में — प्रस्तुत किया जाता है। इसका उद्देश्य मनोरंजन के साथ-साथ सामाजिक संदेश देना होता है।
नुक्कड़ नाटक दर्शकों से सीधे संवाद करता है, जिससे संदेश अधिक प्रभावी और भावनात्मक बन जाता है।
यह किसी भी बड़े मंच या साधन की आवश्यकता नहीं रखता, इसलिए समाज के हर वर्ग तक पहुँच सकता है — ग्रामीण, शहरी, गरीब या अशिक्षित सभी तक।
नाटक सामाजिक बुराइयों जैसे दहेज प्रथा, बाल विवाह, स्वच्छता, भ्रष्टाचार, नशा, लैंगिक समानता आदि पर जनजागृति फैलाता है।
लोग केवल दर्शक नहीं रहते, वे संवाद का हिस्सा बनते हैं। इससे सामाजिक बदलाव की दिशा में सामूहिक सोच विकसित होती है।
नाटक के माध्यम से हँसी, दुःख और भावनाओं का प्रयोग दर्शकों के मन में संदेश को गहराई से बिठा देता है।
नुक्कड़ नाटक समाज के आईने की तरह है — जो लोगों को उनकी वास्तविक स्थिति दिखाता है और उन्हें सोचने, समझने और बदलाव की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। इसलिए सामाजिक सुधार और जनजागरूकता के क्षेत्र में इसकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
Desh Deepak Singh जी और उनकी पूरी टीम को साधुवाद।
सामाजिक जागरूकता में नुक्कड़ नाटक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। नुक्कड़ नाटक (Street Play) एक ऐसा नाट्य रूप है जो खुले स्थानों — जैसे बाज़ार, स्कूल, चौक, या मोहल्ले में — प्रस्तुत किया जाता है। इसका उद्देश्य मनोरंजन के साथ-साथ सामाजिक संदेश देना होता है।
नुक्कड़ नाटक दर्शकों से सीधे संवाद करता है, जिससे संदेश अधिक प्रभावी और भावनात्मक बन जाता है।
यह किसी भी बड़े मंच या साधन की आवश्यकता नहीं रखता, इसलिए समाज के हर वर्ग तक पहुँच सकता है — ग्रामीण, शहरी, गरीब या अशिक्षित सभी तक।
नाटक सामाजिक बुराइयों जैसे दहेज प्रथा, बाल विवाह, स्वच्छता, भ्रष्टाचार, नशा, लैंगिक समानता आदि पर जनजागृति फैलाता है।
लोग केवल दर्शक नहीं रहते, वे संवाद का हिस्सा बनते हैं। इससे सामाजिक बदलाव की दिशा में सामूहिक सोच विकसित होती है।
नाटक के माध्यम से हँसी, दुःख और भावनाओं का प्रयोग दर्शकों के मन में संदेश को गहराई से बिठा देता है।
नुक्कड़ नाटक समाज के आईने की तरह है — जो लोगों को उनकी वास्तविक स्थिति दिखाता है और उन्हें सोचने, समझने और बदलाव की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। इसलिए सामाजिक सुधार और जनजागरूकता के क्षेत्र में इसकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
Desh Deepak Singh जी और उनकी पूरी टीम को साधुवाद।






No comments:
Post a Comment