बलिया। नागाजी सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, माल्देपुर (बलिया) में विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र द्वारा आयोजित स्तरानुसार शैक्षिक परिषदों की क्षेत्रीय कार्यशाला अत्यंत गरिमामय एवं प्रेरणादायी वातावरण में सम्पन्न हुई। इस दो दिवसीय कार्यशाला में शिक्षण कार्य से जुड़े विभिन्न स्तरों के शिक्षक परिषदों के प्रतिनिधि, पदाधिकारी एवं शिक्षाविद् बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री श्रीराम आरावकर जी ने अपने प्रेरणास्पद उद्बोधन में कहा कि विद्या भारती शैक्षिक परिषद का उद्देश्य केवल ज्ञानार्जन तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के वंचित एवं साधनहीन वर्गों को शिक्षित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना तथा राष्ट्र के प्रति उत्तरदायी नागरिक तैयार करना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा भारतीय संस्कृति का मूलाधार है, जो केवल बुद्धि का नहीं, अपितु मन, वचन और कर्म — तीनों का परिष्कार करती है। विद्या भारती की कार्यपद्धति भारतीय जीवन मूल्यों पर आधारित है, जो शिक्षा को चरित्र निर्माण, राष्ट्र निर्माण एवं समाज निर्माण का सशक्त माध्यम मानती है।
क्षेत्रीय मंत्री डॉ. सौरभ मालवीय जी ने अपने सारगर्भित वक्तव्य में कहा कि विद्या भारती का ध्येय वाक्य — “सर्वे भवन्तु सुखिनः” — मात्र एक श्लोक नहीं, बल्कि जीवन दृष्टि है। उन्होंने बताया कि विद्या भारती का प्रयास है कि समाज के दीन-दुखी, वंचित एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों तक शिक्षा का उजाला पहुँचे, जिससे वे आत्मनिर्भर और स्वाभिमानी नागरिक बन सकें। संस्था छात्रों के सर्वांगीण विकास — शैक्षणिक, शारीरिक, भावनात्मक, बौद्धिक एवं नैतिक — पर बल देती है, जिससे वे अपने जीवन में आदर्श एवं प्रेरणास्रोत बनें।
इस अवसर पर सभी वक्ताओं ने भारतीय संस्कृति-आधारित शिक्षा की आवश्यकता, समाज में शिक्षा के माध्यम से परिवर्तन की भूमिका तथा शिक्षक के रूप में अपनी उत्तरदायित्वपूर्ण भूमिका पर विस्तृत विचार रखे। कार्यशाला के दौरान शिक्षण पद्धतियों के नवाचार, मूल्यनिष्ठ शिक्षा के संवर्धन और छात्र केंद्रित शिक्षण की रूपरेखा पर भी विमर्श हुआ।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री आदरणीय श्रीराम आरावकर जी थे। उनके साथ मंचासीन रहे पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्रीमान हेमचंद्र जी, लखनऊ विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष एवं क्षेत्रीय मंत्री डॉ. सौरभ मालवीय जी, दिनेश जी, कमलेश सिंह जी, गोरक्ष प्रांत के प्रदेश निरीक्षक श्री राम सिंह जी, कानपुर प्रांत के प्रदेश निरीक्षक श्री अयोध्या प्रसाद मिश्र जी तथा संभाग निरीक्षक श्री कन्हैया चौबे जी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के अध्यक्ष श्री रामकुमार तिवारी जी ने किया ।
इस अवसर पर प्राथमिक वर्ग क्षेत्र के शैक्षिक परिषद संयोजक श्री मुनेन्द्र जी, सह संयोजक श्री इन्द्रजीत जी, पूर्व माध्यमिक वर्ग के क्षेत्रीय संयोजक श्री अयोध्या प्रसाद मिश्र जी, माध्यमिक वर्ग के क्षेत्रीय संयोजक श्री गजेन्द्र सिंह जी तथा सह संयोजक श्री शैलेंद्र त्रिपाठी जी सहित अनेक शिक्षाविद् उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में अतिथियों का परिचय विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री शैलेंद्र त्रिपाठी जी ने कराया, जबकि आभार ज्ञापन गोरक्ष प्रांत के प्रदेश निरीक्षक श्री राम सिंह जी द्वारा किया गया।
दो दिवसीय यह कार्यशाला विद्या भारती की भारतीय संस्कृति-आधारित शिक्षा पद्धति की सार्थकता, प्रासंगिकता और सामाजिक परिवर्तन के संकल्प को और अधिक दृढ़ करने वाली सिद्ध हुई।
क्षेत्रीय मंत्री डॉ. सौरभ मालवीय जी ने अपने सारगर्भित वक्तव्य में कहा कि विद्या भारती का ध्येय वाक्य — “सर्वे भवन्तु सुखिनः” — मात्र एक श्लोक नहीं, बल्कि जीवन दृष्टि है। उन्होंने बताया कि विद्या भारती का प्रयास है कि समाज के दीन-दुखी, वंचित एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों तक शिक्षा का उजाला पहुँचे, जिससे वे आत्मनिर्भर और स्वाभिमानी नागरिक बन सकें। संस्था छात्रों के सर्वांगीण विकास — शैक्षणिक, शारीरिक, भावनात्मक, बौद्धिक एवं नैतिक — पर बल देती है, जिससे वे अपने जीवन में आदर्श एवं प्रेरणास्रोत बनें।
इस अवसर पर सभी वक्ताओं ने भारतीय संस्कृति-आधारित शिक्षा की आवश्यकता, समाज में शिक्षा के माध्यम से परिवर्तन की भूमिका तथा शिक्षक के रूप में अपनी उत्तरदायित्वपूर्ण भूमिका पर विस्तृत विचार रखे। कार्यशाला के दौरान शिक्षण पद्धतियों के नवाचार, मूल्यनिष्ठ शिक्षा के संवर्धन और छात्र केंद्रित शिक्षण की रूपरेखा पर भी विमर्श हुआ।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री आदरणीय श्रीराम आरावकर जी थे। उनके साथ मंचासीन रहे पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्रीमान हेमचंद्र जी, लखनऊ विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष एवं क्षेत्रीय मंत्री डॉ. सौरभ मालवीय जी, दिनेश जी, कमलेश सिंह जी, गोरक्ष प्रांत के प्रदेश निरीक्षक श्री राम सिंह जी, कानपुर प्रांत के प्रदेश निरीक्षक श्री अयोध्या प्रसाद मिश्र जी तथा संभाग निरीक्षक श्री कन्हैया चौबे जी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के अध्यक्ष श्री रामकुमार तिवारी जी ने किया ।
इस अवसर पर प्राथमिक वर्ग क्षेत्र के शैक्षिक परिषद संयोजक श्री मुनेन्द्र जी, सह संयोजक श्री इन्द्रजीत जी, पूर्व माध्यमिक वर्ग के क्षेत्रीय संयोजक श्री अयोध्या प्रसाद मिश्र जी, माध्यमिक वर्ग के क्षेत्रीय संयोजक श्री गजेन्द्र सिंह जी तथा सह संयोजक श्री शैलेंद्र त्रिपाठी जी सहित अनेक शिक्षाविद् उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में अतिथियों का परिचय विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री शैलेंद्र त्रिपाठी जी ने कराया, जबकि आभार ज्ञापन गोरक्ष प्रांत के प्रदेश निरीक्षक श्री राम सिंह जी द्वारा किया गया।
दो दिवसीय यह कार्यशाला विद्या भारती की भारतीय संस्कृति-आधारित शिक्षा पद्धति की सार्थकता, प्रासंगिकता और सामाजिक परिवर्तन के संकल्प को और अधिक दृढ़ करने वाली सिद्ध हुई।
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