बाबा बालेश्वर नाथ, कामेश्वर धाम कारो
बलिया जनपद के कारो गांव में स्थित कामेश्वर धाम महादेव मंदिर अपनी अद्भुत महिमा और पौराणिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित यह प्राचीन मंदिर शिव पुराण में वर्णित है और यहां हर समय भक्तों की भीड़ रहती है।
पौराणिक कथा के अनुसार, माता सती के देहत्याग के बाद भगवान शिव गहन तपस्या में लीन हो गए, उसी समय ताड़कासुर का अत्याचार बढ़ने लगा। देवताओं ने उसकी शक्ति को रोकने हेतु कामदेव की सहायता ली। कामदेव ने पहले अप्सराओं के माध्यम से शिव की तपस्या भंग करने का प्रयास किया, असफल होने पर एक आम के पेड़ की आड़ से पुष्प बाण चलाया, जो शिव के सीने में लगा। इससे क्रोधित होकर भगवान शिव ने अपनी तीसरी नेत्र खोली और कामदेव को भस्म कर दिया। इस घटना में वह आम का पेड़ भी आधा जल गया, जो आज भी इस पवित्र स्थल पर विद्यमान है। महाशिवरात्रि और सावन मास में यहां विशेष रूप से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।
देशभर से आने वाले भक्त भगवान शिव का जलाभिषेक और पूजन करते हैं, और मान्यता है कि यहां सच्चे मन से पूजा करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है।
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