Tuesday, September 16, 2025

मातृ‑मन्दिर का समर्पित दीप मैं


मातृ‑मन्दिर का समर्पित दीप मैं
चाह मेरी यह कि मैं जलता रहूँ
कर्म पथ पर मुस्कुराऊँ सदा
आपदाओं को समझ वरदान मैं
जग सुने झूमे सदा अनुराग में
उल्लसित हो नित्य गाऊँ गान मैं
चीर तम‑दल अज्ञानता निज तेज से
बन अजय निश्ंक मैं चलता रहूँ.........

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मातृ‑मन्दिर का समर्पित दीप मैं

मातृ‑मन्दिर का समर्पित दीप मैं चाह मेरी यह कि मैं जलता रहूँ कर्म पथ पर मुस्कुराऊँ सदा आपदाओं को समझ वरदान मैं जग सुने झूमे सदा अनुराग में उल...