Monday, May 19, 2025

युगभारती लखनऊ इकाई का वार्षिक आयोजन








समाजोन्मुखी व्यक्तित्व के उत्कर्ष के लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में कार्यरत संस्था युगभारती की लखनऊ इकाई द्वारा वर्तमान शिक्षा पद्धति: उज्ज्वल भविष्य का आधार ? विषय पर वैचारिक संगोष्ठी एवं संस्था के संस्थापक संरक्षक आचार्य श्री ओमशंकर त्रिपाठी जी की पुस्तक द्वय, साकल्य तथा उन्मुक्त मुक्तक के विमोचन का कार्यक्रम गोमती होटल, लखनऊ में सम्पन्न हुआ। 
मुख्य अतिथि श्री यतीन्द्र शर्मा जी ने मातृभाषा में शिक्षा के होने का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि शिक्षा वही है जो शिक्षार्थी में जीवन मूल्यों का विकास कर सके।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ सौरभ मालवीय, प्रोफेसर, लखनऊ विश्वविद्यालय ने शिक्षा के संदर्भ में भारत के गौरवशाली इतिहास की चर्चा करते सुष्पष्ट किया कि समाज में जागरण करके ही शिक्षा के मूल उद्देश्य को पाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि शिक्षा वह है जो मनुष्य के सम्पूर्ण संस्कारों का परिमार्जन करती है।

पुस्तक विमोचन के अवसर पर पुस्तक द्वय के सम्पादक डॉ पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि आचार्य जी के मुक्तको और गीतों में निहित ऊर्जा ने मुझे इनके संकलन, सम्पादन और प्रकाशन के लिये प्रेरित किया ताकि ये भाव समाज में प्रसरित हो सके। इस संकलन में आचार्य जी की रचना की एक पंक्ति 'निराशा भी किसी उम्मीद में ही जी रही है' आचार्य जी के कवित्व की एक बानगी है। 
आचार्य ओमशंकर जी ने सभी को लेखन में रत रहने के लिये प्रेरित किया।

प्रश्नोत्तर काल में एक प्रश्न के उत्तर में यतीन्द्र शर्मा जी ने बताया कि विद्या भारती अपने पुराने मूल्यों और दर्शन को मजबूती से थामे है और युगानुकूल परिवर्तनों को आत्मसात कर आगे बढ़ रही है। डॉ सौरभ मालवीय जी ने युगभारती सदस्यों से अपील की कि वे विद्या भारती से प्रत्यक्ष रूप से जुड़कर दायित्व निर्वहन हेतु आगे आएं।
संस्था के महामंत्री डॉ मोहन कृष्ण मिश्र जी ने बताया कि देश के विभिन्न शहरों से 100 से अधिक  शिक्षाविद, इंजीनियर्स, चिकित्सकों और प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ पंकज श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम में न्यायमूर्ति सुरेश चंद्र, भरत सिंह, डॉ प्रदीप बाजपेई, डॉ प्रवीण सारस्वत, अभय गुप्त, रविंद्र प्रकाश, डॉ मलय चतुर्वेदी, शुभेन्द्र परिहार, रामेंद्र त्रिपाठी, शरद कश्यप, नितिन परिहार, रामेंद्र सिंह, नवीन भार्गव, डॉ पवन मिश्र, दीपक शर्मा, प्रवीण द्विवेदी, विवेक चतुर्वेदी, पीयूष वर्मा, पुरुषोत्तम बाजपेई, राजेश गर्ग, प्रवीण अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।

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