Wednesday, June 26, 2024

बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए प्रतिबद्ध है योगी सरकार


डॉ. सौरभ मालवीय  
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य के प्रति अत्यंत गंभीर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि प्रदेश का प्रत्येक व्यक्ति स्वस्थ रहे। इसलिए सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को निरंतर बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है। योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-2025 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की योजनाओं के लिए 27,086 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। प्रदेश में आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के साथ-साथ स्वास्थ्य उपकेंद्र खोले जाएंगे। इसके साथ ही राज्य में एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं भी खोली जाएंगी। ये विभिन्न संचारी एवं गैर-संचारी रोगों के लिए नैदानिक सुविधाएं भी प्रदान करेंगी। इनमें शय रोग, एचआईवी, मलेरिया, जल जनित रोग एवं हेपेटाइटिस आदि के लिए विभिन्न राष्ट्रीय कार्यक्रमों के अंतर्गत परिकल्पित परीक्षण सम्मिलित हैं। इससे क्षेत्र के लोगों को बहुत लाभ होगा। उन्हें जांच आदि के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन 
प्राय: देखा जाता है कि गांवों की अपेक्षा शहरों में पर्याप्त चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं। इसलिए योगी सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराने पर विशेष बल दे रही है। इसके दृष्टिगत   योगी सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन के लिए वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 7350 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। प्रधानमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं पर 952 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। इससे ग्रामीणों को अपने ही क्षेत्र में समुचित उपचार उपलब्ध होगा। आपातकाल की स्थिति में उन्हें रोगी को लेकर शहर की ओर दौड़ना नहीं पड़ेगा। रोगी को समय पर उपचार उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही उनका समय एवं धनराशि की भी बचत होगी। 

मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना
योगी सरकार ने मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत में वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। इस योजना में उन परिवारों को सम्मिलित किया जाता है, जो प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य बीमा प्राप्त करने से वंचित रह गए हैं। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के नागरिकों को पांच लाख रूपए तक का स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाएगा। इसके माध्यम से वे नि:शुल्क अपना उपचार सरकारी या निजी अस्पताल में करवा सकेंगे। इस योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 1 मार्च 2019 को किया गया था। इस योजना के माध्यम से प्रदेश के लगभग 10 करोड़ परिवारों को लाभान्वित किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना
योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-2025 में प्रदेश में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए 322 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। इस योजना के अंतर्गत गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं को नकद प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।
वास्तव में महिलाएं अपने स्वास्थ्य पर तनिक भी ध्यान नहीं देती हैं। इसलिए स्वास्थ्य एवं पोषण के संबंध में उनकी स्थिति संतोषजनक नहीं है। गर्भावस्था एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पौष्टिक आहार की अत्यधिक आवश्यकता होती है। महिला के साथ-साथ उसके गर्भस्थ एवं जन्मे शिशु के लिए भी पौष्टिक आहार आवश्यक है। यदि माँ स्वस्थ होगी, तो उसका शिशु भी स्वस्थ होगा। एक कुपोषित महिला का शिशु भी कुपोषण का शिकार हो जाता है। इस कुपोषण का प्रारंभ गर्भाशय से ही आरंभ हो जाता है। इसका दुष्प्रभाव महिला के साथ-साथ उसके बच्चे पर भी पड़ता है। आर्थिक एवं सामाजिक दबाव के कारण बहुत सी महिलालाएं गर्भावस्था के अंतिम समय तक परिवार के लिए परिश्रम करती हैं। वे घर में ही नहीं, अपितु घर से बाहर जाकर भी परिशम करती हैं। अत्यधिक परिश्रम के कारण उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए सरकार ने ऐसी महिलाओं के लिए यह योजना प्रारंभ की है।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना
योगी सरकार सेवानिवृत कर्माचारियों के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना संचालित कर रही है। वित्तीय वर्ष 2024-2025 में इस योजना के लिए 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। यह योजना योगी सरकार द्वारा 21 जुलाई 2022 को प्रारंभ की गई थी। इसका उद्देश्य राज्य के सभी कर्मचारियों एवं उनके आश्रितों को समुचित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। इस योजना के अंतर्गत राज्य के कर्मचारियों को सरकार द्वारा एक स्वास्थ्य कार्ड जारी किया जाता है। इसके माध्यम से वे अपना एवं अपने परिवार का अस्पताल में नि:शुल्क उपचार करवा सकते हैं। उपचार का सारा खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि योगी सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी पर विशेष ध्यान दे रही है। सरकार ने यहां नए राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय खोलने का निर्णय लिया है। चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना पांडेयपुर स्थित मानसिक अस्पताल के परिसर में की जाएगी। लगभग 17 एकड़ भूमि में बनने वाले इस महाविद्यालय के निर्माण पर 12 सौ करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। इसके लिए सरकार ने अभी 400 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। इसमें एमबीबीएस की 100 सीटें होंगी, जिन्हें बाद में बढ़ाया भी जा सकता है।    
योगी सरकार ने असाध्य रोगों के नि:शुल्क उपचार के लिए 125 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए 100 करोड़ रुपए निर्धारित किए गए थे। राजकीय महाविद्यालयों के ट्रामा सेंटरों को अपग्रेड किया जाएगा। इसमें 100 बेड के साथ-साथ 200 बेड के एपेक्स ट्रामा सेंटर भी सम्मिलित होंगे। इसके अतिरिक्त वाराणसी में राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय तथा अयोध्या में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना का भी निर्णय लिया गया है।   

प्रधानमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य योजना
प्रधानमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत प्रदेश में 1600 स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र खोले जाएंगे। इसके अतिरिक्त 1035 राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सालयों को स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र में परिवर्तित किया जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश के 21675 उपकेंद्रों को प्रधानमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र में परिवर्तित किया जाएगा। इन सबको टेली मेडिसिन से जोड़ा जाएगा। इसके माध्यम से रोगियों को उपचार संबंधी सुझाव दिए जाएंगे। जिन गंभीर रोगों का उपचार स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र पर उपलब्ध नहीं होगा, उन रोगियों को टेली मेडिसिन के माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सकों के सुझाव उपलब्ध करवाए जाएंगे। उन्हें नि:शुल्क दवाएं भी प्रदान की जाएंगी। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के अनुसार प्रदेश के 18 हजार स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों पर कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की नियुक्ति की गई है। शेष केन्द्रों में भी शीघ्र ही नियुक्तियां की जाएंगी। 

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश पांच करोड़ आयुष्मान कार्ड जारी करने वाला देश का प्रथम राज्य बन गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार योगी सरकार ने 50,017,920 आयुष्मान कार्ड जारी किए हैं तथा 74,382,304 लोगों को लाभान्वित किया है। इस योजना में प्रदेश के 3716 अस्पताल सम्मिलित हैं। इस योजना के अंतर्गत कुल 3,481,252 स्वास्थ्य दावे दायर किए गए थे। इनमें से प्रदेश में 92।48 प्रतिशत की निपटान दर के साथ 3,275,737 दावों का निपटान कर दिया गया है।
नि:संदेह योगी सरकार प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है।  

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