Sourabh Malviya डॉ.सौरभ मालवीय
विचारों की धरा पर शब्दों की अभिव्यक्ति...
Sunday, October 16, 2022
कुटुम्ब प्रबोधन
कुटुम्ब प्रबोधन
आत्मीय आयोजन
संत रविदास नगर, पूरब भाग - लखनऊ
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'उत्तर प्रदेश संदेश' सरकार की पत्रिक के जुलाई - सितम्बर अंक में प्रकाशित लेख
भारतीय संस्कृति में नारी कल, आज और कल
डॉ. सौरभ मालवीय ‘नारी’ इस शब्द में इतनी ऊर्जा है कि इसका उच्चारण ही मन-मस्तक को झंकृत कर देता है, इसके पर्यायी शब्द स्त्री, भामिनी, कान...
भारतीय संविधान भारतीय जीवन दर्शन का ग्रंथ है
डॉ. सौरभ मालवीय किसी भी देश के लिए एक विधान की आवश्यकता होती है। देश के विधान को संविधान कहा जाता है। यह अधिनियमों का संग्रह है। भारत के संव...
टूटते संबंध, बढ़ता अवसाद
डॉ. सौरभ मालवीय मनुष्य जिस तीव्र गति से उन्नति कर रहा है, उसी गति से उसके संबंध पीछे छूटते जा रहे हैं. भौतिक सुख-सुविधाओं की बढ़ती इच्छाओं क...
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