Saturday, November 25, 2017

भारतीय दृष्टि मानवता की दृष्टि : शंकर शरण



शंकर शरण एक संज्ञा नहीं अपितु इस मृत्युन्जय भारत के संरक्षक है, जिनकी बौद्धिकता के शिखर से राष्ट्रवाद की गंगा आदि काल तक लोगों को पवित्र करती रहेगी। शंकर शरण का लेखन ,वक्तृत्व ,कृत्रित्व और चिंतन राष्ट्रवाद की शाश्वत स्वरूप का प्रतीक है ।
आज अवसर था पत्रकारिता के विद्यार्थियों से संवाद।

No comments:

Post a Comment

भेंट

पत्रकारिता के नक्षत्र रहे स्वर्गीय रोहित सरदाना के पूज्य पिताजी श्रीमान रतन चन्द्र सरदाना जी से मिलने का अवसर. कुरुक्षेत्र.