लेखक श्री विकास सिंह की पहली कृति का लोकार्पण।
भारतीयता की प्रतिष्ठा,पाश्चात्य सभ्यता की आलोचना,दहेज़ प्रथा,छुआछूत ,सामाजिक असमानता,धार्मिक भेदभाव पर लेखक ने प्रहार किया है। इस उपन्यास के मुख्य पात्र "राजवंश" एक किसान है। किसान को केंद्र में रखकर इस कृति की रचना की गई है। खास बात यह है कि लेखक 21वर्ष की आयु में यह उपलब्धि अर्जित किया है। विकास जी को अनंत शुभकामनाएं।
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