लखनऊ। विराम खंड बस्ती के महर्षि वाल्मीकि जयंती एवं शरद पूर्णिमा उत्सव के अवसर पर उपस्थित नागरिक व स्वयंसेवक बन्धुओं के साथ रहने का अवसर मिला.
पूरा मानव समाज महर्षि वाल्मीकि जी के प्रति कृतज्ञ है, जिन्होंने प्रभु श्री राम के ऐसे आदर्श चरित्र का चित्रण किया, जो हर काल और परिस्थिति में प्रासंगिक एवं प्रेरणास्रोत बना हुआ है।
'त्रिकालदर्शी' के श्री चरणों में कोटिश: नमन!
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