महात्मा गांधी अंतरारष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय. वर्धा (क्षेत्रीय परिसर - प्रयागराज) द्वारा आयोजित छात्र संवाद कार्यक्रम में भारतीय ज्ञान परम्परा और मीडिया संचार विषय पर वक्तव्य का अवसर.
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हाल फिलहाल में मेरा लेख
अदनान फ़ाउण्डेशन, धानापुर–चन्दौली द्वारा प्रकाशित साहित्यिक-सामाजिक पत्रिका ‘हाल फिलहाल’ के प्रथम अंक में मेरा लेख शामिल किया गया है। युवा स...
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डॉ. सौरभ मालवीय ‘नारी’ इस शब्द में इतनी ऊर्जा है कि इसका उच्चारण ही मन-मस्तक को झंकृत कर देता है, इसके पर्यायी शब्द स्त्री, भामिनी, कान...
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डॉ. सौरभ मालवीय किसी भी देश के लिए एक विधान की आवश्यकता होती है। देश के विधान को संविधान कहा जाता है। यह अधिनियमों का संग्रह है। भारत के संव...
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डॉ. सौरभ मालवीय मनुष्य जिस तीव्र गति से उन्नति कर रहा है, उसी गति से उसके संबंध पीछे छूटते जा रहे हैं. भौतिक सुख-सुविधाओं की बढ़ती इच्छाओं क...





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