Saturday, June 29, 2024

योगी कर रहे हैं गौवंश का संरक्षण


डॉ. सौरभ मालवीय  
हिन्दू धर्म में गाय को बहुत ही पवित्र एवं देव तुल्य माना जाता है। वेद पुराणों में भी इसका उल्लेख मिलता है। गाय में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। मान्यता है कि जिस घर में गाय का वास होता है, वहां के सारे वास्तु-दोष स्वयं समाप्त हो जाते हैं। गाय के दूध को अमृत माना जाता है। इतना ही नहीं गौमूत्र एवं गोबर को भी पवित्र माना जाता है। पवित्र ग्रंथ श्रीमद्भागवत के अनुसार समुद्र मंथन में कामधेनु निकली थी। माना जाता है कि कामधेनु से ही अन्य गायों की उत्पत्ति हुई है। भगवान श्रीकृष्ण को गाय अत्यंत प्रिय थीं। वे उनकी सेवा करते थे। वे प्रतिदिन गायों की पूजा-अर्चना करते एवं उन्हें ब्राह्मणों को दान कर देते थे। विशेष अवसरों पर ब्राह्मणों को गाय दान करने की परंपरा आज भी जारी है। गौदान को अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी गाय अति प्रिय हैं। वे भी उनकी पूजा-अर्चना करते हैं तथा उन्हें अपने हाथ से खिलाते हैं। उनके अथक प्रयासों से ही प्रदेश में गौवंश को संरक्षित करने का अभियान चल रहा है तथा इसे अपेक्षित सफलता भी प्राप्त हो रही है।  

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार गौवंश संरक्षण के लिए सराहनीय कार्य कर है। गौवंश के संरक्षण के लिए राज्य में अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। मुख्यमंत्री निराश्रित गौवंश सहभागिता योजना के अंतर्गत निराश्रित, छुट्टा गौवंश, बेसहारा गौवंश का पालन करने वाले किसानों को 30 रुपये प्रतिदिन प्रति पशु की दर से आर्थिक सहायता देने का प्रावधान किया गया था। किन्तु बाद में इसे बढ़ा दिया गया अर्थात वित्तीय वर्ष 2023-24 में अस्थायी गौवंश आश्रय स्थलों में प्रति गौवंश प्रतिदिन 50 रुपए की दर से अनुदान देने का निर्णय लिया गया।
यह योजना किसानों एवं पशुपालकों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी भी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। किसान एवं पशुपालक छुट्टा बेसहारा पशुओं का पालन पोषण करके रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। इससे जहां किसान आय अर्जित कर पा रहे हैं, वहीं सड़कों पर घूमने वाले छुट्टा पशुओं को भी आश्रय मिल रहा है।

एक अनुमान के अनुसार इस समय प्रदेश में 6889 निराश्रित गौशालाएं हैं, जिनमें 11.89 लाख गायें हैं। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार अब तक एक लाख 85 हजार से अधिक गायें गौ पालकों को दी गई हैं। गायों के भरण-पोषण के लिए शासन द्वारा इन्हें नियमित रूप से धनराशि उपलब्ध करवाई जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कठोर निदेश है कि गौ पालकों को समय पर धनराशि उपलब्ध करवाई जाए, ताकि गायों के भरण-पोषण में कोई कमी शेष न रहे। 

योगी सरकार ने पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के लिए नंद बाबा दुग्ध मिशन योजना भी प्रारंभ की है। 
इसका उद्देश्य प्रदेश में स्वदेशी उन्नत नस्ल की गायों की संख्या एवं नस्ल में वृद्धि करना है, जिससे प्रदेश में दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि हो तथा प्रदेश दुग्ध उत्पादन में अग्रणी रहे। इसके अंतर्गत आठ से 12 लीटर तक दूध देने वाली गाय के पालकों को 10 हजार रुपए तथा 12 लीटर से अधिक दूध देने वाली गाय के पालकों को 15 हजार रुपए की धनराशि देने का प्रावधान है। गौ पालक द्वारा दूसरे प्रदेशों से उन्नत प्रजाति की गाय क्रय पर उन्हें परिवहन, पारगमन बीमा एवं पशु बीमा सहित अन्य मदों पर व्यय होने वाली धनराशि पर अनुदान प्रदान करने का प्रावधान है। यह अनुदान अधिकतम दो स्वदेशी नस्ल की गायों के क्रय पर ही प्राप्त होगा। यह अनुदान गौ पालकों को कुल व्यय धनराशि का 40 प्रतिशत तक प्रदान किया जाएगा।

योगी सरकार नंदिनी कृषक समृद्धि योजना भी संचालित कर रही है। इसका उद्देश्य प्रदेश में डेयरी उद्योग को प्रोत्साहित करना एवं बढ़ावा देना है। इसके अंतर्गत डेयरी स्थापित करने वाले किसानों को 31 लाख रुपए तक का अनुदान उपलब्ध करवाने का प्रावधान है। इसके साथ ही सहकारी समितियों द्वारा पशुपालकों को उनके गांव में ही दुग्ध विक्रय की व्यवस्था उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्हें दुग्ध का उचित मूल्य भी प्रदान किया जाएगा।
सरकार द्वारा प्रदेश के सभी किसानों का डाटाबेस तैयार किया जाएगा, ताकि भविष्य में उन्हें अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा सके। इसके अतिरिक्त पशु आहार एवं चारा बनाने वाले लोगों को भी अनुदान प्रदान किया जाएगा, ताकि पशु चारा के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके। योजना की निगरानी करने के लिए जनपद एवं प्रदेश समिति गठित की गई है। विशेष बात यह है कि इस योजना में महिलाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रहेगी। प्राय: देखा जाता है कि पशुपालन में महिलाएं सबसे अधिक कार्य करती हैं। खेतों से चारा काटने, चारा लाने एवं चारा काटने से लेकर पशुओं को खिलाने-पिलाने आदि के सब कार्य महिलाएं ही करती हैं। इसलिए यह योजना महिलाओं के लिए अत्यधिक लाभकारी है।   

इसके अतिरिक्त गौवंश के लिए एंबुलेंस एवं आश्रय स्थल आदि की भी योजनाएं हैं, जिनके माध्यम से प्रदेश में इन्हंन संरक्षण प्रदान किया जा रहा है। सड़कों पर छुट्टा घूमने वाले गौवंश के लिए गौ आश्रय स्थलों का निर्माण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त छुट्टा गौवंश के लिए अस्थायी आश्रय स्थलों के निर्माण का कार्य भी चल रहा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में आवारा गौवंश के संरक्षण के लिए तृतीय किस्त के रूप में योगी सरकार ने 125 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की थी। 

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पादन में देश में अग्रणी प्रदेश है। योगी सरकार की ये योजनाएं दुग्ध उत्पादन में प्रदेश को अग्रणी बनाए रखने एवं बढ़ती जनसंख्या की आवश्यकता को पूर्ण करने में महत्वपूर्ण सिद्ध होंगी। योगी सरकार की इन योजनाओं से एक ओर सड़कों पर घूम रहे छुट्टा गौवंश की समस्या का समाधान हो सकेगा, वहीं दूसरी ओर प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समय-समय पर संबंधित अधिकारियों के साथ बैठकें करके इन योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करते रहते हैं। उनका प्रयास है कि इस कार्य में तनिक भी ढील नहीं दी जाए। पशुपालन विभाग अस्थायी गौ आश्रय स्थलों के निरीक्षण करने के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित करेगा कि जो धनराशि आवंटित की जा रही है उसका उपयोग निर्धारित मद के अतिरिक्त किसी अन्य मद में न किया जाए। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौ आश्रय स्थलों पर गौ वंश की उत्तम व्यवस्था सुनिश्चित करने का दायित्व सभी जिलों में पशुपालन विभाग के अधिकारियों को प्रदान किया है। सरकारी पशु चिकित्सक भी समय-समय पर गौवंश के स्वास्थ्य की जांच करेंगे। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी, खंड अधिकारी एवं ग्राम पंचायत अधिकारी भी समय-समय पर इन गौ आश्रय स्थलों के निरीक्षण का निरीक्षण करेंगे। वे यह निरीक्षण करेंगे कि किस प्रकार गौवंश का भरण-पोषण किया जा रहा है। 

मुख्यणमंत्री योगी आदित्यानाथ के अनुसार उनकी सरकार गौ संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने राज्य में गायों और गौवंश के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए किए जा रहे प्रयासों का उल्ले ख करते हुए कहा कि एक ओर गायों की पूजा की जाती है तथा दूसरी ओर उनका दुग्ध निकालकर उन्हें  सड़कों पर लावारिस छोड़ दिया जाता है। यह प्रवृत्ति लोगों की कथनी और करनी में अंतर को दिखाती है। भारत में सनातन काल से ही गौ और गौवंश की महत्ता को माना गया है। सभी देवी-देवताओं का निवास गौ में माना जाता है। जहां यह विश्वास रहा हो, वहां पर गौवंश की उपेक्षा करना, वास्तव में हमारी कथनी और करनी पर बहुत बड़ा प्रश्न खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अधिक से अधिक गौवंश को संरक्षित कर रही है। इन संरक्षित गौवंश को अति कुपोषित परिवारों को देने की व्यवस्था भी की गई है, ताकि वे इनके दुग्ध से पोषण प्राप्त कर सकें।

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