राजनीति में अजातशत्रु भारत के यशस्वी पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी को चिर निद्रा में विलीन हुए आज एक माह हो गए, लेकिन अटल जी अपनी कालजई रचनाओं और चिरपरिचित मुस्कुराते हुए गूढ़ अर्थ समेटे हुए अपने संवादों के लिए चिरकाल तक जीवंत रहेंगे। श्रद्धेय अटल जी के जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर बहुत कुछ लिखा-पढ़ा, बोला और सुना गया है लेकिन 'राष्ट्रवादी पत्रकारिता के शिखर पुरूष श्री अटल बिहारी वाजपेई' पुस्तक उनके योगदान को समझने के लिए एक नई दृष्टि पैदा करती है। पत्रकार के रूप में अटल जी ने समाज जीवन के लिए अपना क्या योगदान दिया,इसे बहुत ही सहजता से अपनी लेखनी में पिरोने का काम माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉक्टर सौरभ मालवीय जी ने किया है। पिछले दिनों लखनऊ में आयोजित राष्ट्रीय पुस्तक मेला में सौरभ मालवीय जी सम्मान ग्रहण करने के लिए पधारे थे उसी समय उन्होंने अपनी यह कृति उपहार स्वरूप दी। शानदार पुस्तक के लिए डॉ सौरभ मालवीय जी को साधुवाद।
-राकेश त्रिपाठी
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