Saturday, July 4, 2015

कर्म पथ पर निरन्तर

 


कर्म पथ पर निरन्तर


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दीपावली मिलन

दीपावली मिलन  अयत्नेनैव संपद्यते जनस्य संसर्गयोगः सताम्। अधमेन सह संयोगः, पतनं ह्यस्य साधनम्॥  (भर्तृहरि नीति शतक 18)  भावार्थ– सज्जनों का स...