Saturday, June 20, 2015

बचपन


अपने गाँव की माटी में लोट-पोट
श्रीन्द्र मालवीय

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दीपावली मिलन

दीपावली मिलन  अयत्नेनैव संपद्यते जनस्य संसर्गयोगः सताम्। अधमेन सह संयोगः, पतनं ह्यस्य साधनम्॥  (भर्तृहरि नीति शतक 18)  भावार्थ– सज्जनों का स...