Sunday, May 10, 2015

एक तमन्ना...


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मातृ‑मन्दिर का समर्पित दीप मैं

मातृ‑मन्दिर का समर्पित दीप मैं चाह मेरी यह कि मैं जलता रहूँ कर्म पथ पर मुस्कुराऊँ सदा आपदाओं को समझ वरदान मैं जग सुने झूमे सदा अनुराग में उल...