Wednesday, June 25, 2025

आदिवासी सशक्तिकरण हेतु धरती आबा जनभागीदारी अभियान प्रारंभ


देश के 31 राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों में 1 लाख से ज़्यादा आदिवासी गाँवों और बस्तियों को शामिल करने वाला एक ऐतिहासिक अभियान
स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे बड़े जनजातीय संपर्क और सशक्तिकरण अभियान- धरती आबा जन भागीदारी अभियान (डीएजेए) के तहत, पिछले 9 दिनों में गांव और पीवीटीजी आवास स्तर पर आदिवासी सशक्तिकरण शिविरों ने जनजातीय समुदायों के लिए अब तक प्रभावशाली परिणाम दिए हैं। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, अभियान देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित 22,000 से अधिक आदिवासी सशक्तिकरण शिविरों के माध्यम से 53 लाख से अधिक जनजातीय नागरिकों तक पहुँच चुका है।

इस अभियान के तहत 1.38 लाख से अधिक लोगों को आधार नामांकन की सुविधा दी गई है, 1.68 लाख से अधिक आयुष्मान भारत कार्ड जारी किए गए हैं, इसके अलावा पीएम-किसान के लिए 46,000 से अधिक किसानों ने पंजीकरण कराया है और 22,000 से अधिक लाभार्थियों ने पीएम उज्ज्वला योजना के लिए नामांकन कराया है, साथ ही 32,000 से अधिक नए पीएम जनधन खाते खोले गए हैं। अभियान का मुख्य लक्ष्य केन्‍द्र सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का पूर्ण लाभ दिलाना है।

इसे जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा समावेशी शासन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। 15 जून से 15 जुलाई 2025 तक, महीने भर चलने वाला यह राष्ट्रीय आंदोलन 31 राज्यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों के 550 से अधिक जिलों के 1 लाख से अधिक जनजातीय गांवों और पीवीटीजी बस्तियों में 5.5 करोड़ से अधिक जनजातीय नागरिकों तक पहुँच रहा है, जिससे सरकारी सेवाएँ सीधे लोगों के दरवाज़े तक पहुँच रही हैं।

जनजातीय गौरव वर्ष के एक अन्य महत्वपूर्ण पहल के रूप में, डीएजेए जनजातीय गौरव और प्रतिरोध के प्रतीक भगवान बिरसा मुंडा (धरती आबा) को सम्मानित करता है, और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास की कल्‍पना को प्रतिबिंबित करता है - जो आदिवासी समुदायों को भारत के विकास के केन्‍द्र में रखता है।

इसके अलावा, एफआरए दावे, पेंशन नामांकन, पोषण सहायता, आदिवासी स्टार्ट-अप समर्थन और कानूनी सहायता जैसी सेवाएं एक एकीकृत, शिविर-आधारित मॉडल के माध्यम से प्रदान की गई हैं।

स्थानीय आवाज़ें, राष्ट्रीय प्रभाव
लद्दाख: माननीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने बाजरा आधारित आदिवासी पोषण को बढ़ावा देते हुए चांगथांग के रोंगो गांव का दौरा किया।
मध्य प्रदेश: माननीय राज्यपाल श्री मंगूभाई छगनभाई पटेल ने सांस्कृतिक उत्सव के साथ सेवा वितरण को जोड़ते हुए सीहोर में डीएजेए का शुभारंभ किया।
असम: मुख्यमंत्री श्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुवाहाटी में डीएजेए का उद्घाटन किया और इसे पूर्वोत्तर में जनजातीय विकास में एक नया अध्याय बताया।
महाराष्ट्र: मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फड़नवीस ने आदिवासी उद्यमिता और आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए कई शिविर खोले।
आंध्र प्रदेश: राज्य ने पार्वतीपुरम मण्यम में कमजोर वनवासी समूहों पर ध्यान केंद्रित किया।
केरल: वायनाड में एक जनजातीय सम्मेलन ने सहयोगी योजना के लिए जिला टीमों को एकजुट किया।
नेतृत्व की प्रेरणाप्रद बातें
श्री जुएल ओराम, केन्‍द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री: "यह केवल एक अभियान नहीं है - यह समानता और सम्मान के लिए एक जन आंदोलन है। यह हमारे आदिवासी समुदायों के लिए सम्‍मान है जो प्रकृति के साथ सद्भाव में रहते हैं।"
श्री दुर्गा दास उइके, जनजातीय कार्य राज्य मंत्री : "आदिवासी युवाओं और महिलाओं की बढ़ती भागीदारी आकांक्षा और समावेश की एक नई भावना को दर्शाती है।"
श्री विभु नायर, सचिव, जनजातीय कार्य: "वास्तविक समय के डिजिटल डैशबोर्ड से लेकर सांस्कृतिक पुनरुत्थान तक, डीएजेए एक नया शासन मानक स्थापित कर रहा है।"
डीएजेए के 5 स्तंभ: शासन का एक नया मॉडल
1. जनभागीदारी - जनजातीय आवाज़ों द्वारा संचालित, समुदायों द्वारा संचालित
2. परिपूर्णता - हर पात्र परिवार को अधिकार प्राप्त होंगे
3. सांस्कृतिक समावेशन - जनजातीय भाषाओं और कला का उपयोग करके जुड़ना
4. अभिसरण - मंत्रालय, सीएसओ, युवा समूह का एक साथ काम करना
5. अंतिम मील वितरण - सेवाओं के साथ दूरदराज के इलाकों तक पहुँचना
राष्ट्रव्यापी लामबंदी: एक जन अभियान
550 से अधिक जिले, 3,000 से अधिक ब्लॉक सक्रिय
700 से अधिक आदिवासी समुदायों और 75 पीवीटी की भागीदारी
माय भारत, एनएसएस, नागरिक समाज और आदिवासी छात्रों जैसे युवा समूह सक्रिय रूप से लगे हुए हैं
पूरे भारत में सांस्कृतिक कार्यक्रम: आदिवासी व्यंजन उत्सव, लोक नृत्य, हस्तशिल्प प्रदर्शनी
कार्रवाई का आह्वान: जन भागीदारी आंदोलन में शामिल हों
मंत्रालय प्रत्‍येक नागरिक, शिक्षाविद, स्वयंसेवक और मीडिया प्लेटफॉर्म से इस परिवर्तनकारी आंदोलन का हिस्सा बनने का आग्रह करता है। आप इस तरह योगदान दे सकते हैं:
जन सेवा शिविर में जाएँ और जागरूकता बढ़ाएँ
आदिवासी कहानियाँ, परंपराएँ और सफलताएँ साझा करें
हैशटैग का उपयोग करें: #धरतीआबाअभियान #पीएमजनमन #आदिवासियों का सशक्तीकरण विकसित भारत #जनजातीय गौरव वर्ष
स्वदेशी ज्ञान, भाषाओं और कला का दस्तावेजीकरण करें और उसका जश्न मनाएँ
आइये धरती आबा के साथ मिलकर विकसित भारत की ओर चलें। डीएजेए एक सरकारी पहल से कहीं अधिक है - यह आदिवासी पहचान में सम्मान, समावेश और गौरव के लिए एक जमीनी क्रांति है।

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